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A. GST का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) है. यह केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लिए जा रहे 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जा रहा है. जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाना है. जीएसटी लगने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स समाप्त हो जाएंगे. इस व्यवस्था से ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का कॉन्सेप्ट अमल में आएगा. |
Q. GSTN क्या है? |
A. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) एक नॉन प्रॉफिट गैर सरकारी कंपनी है, जो कि टैक्सपेयर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएगी. सभी टैक्सपेयर्स को रजिस्ट्रेशन, रिटर्न और पेमेंट्स जैसी सर्विसेज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क की तरफ से उपलब्ध कराई जाएंगी. GST का सारा डेटा GSTN के पास ही रहेगा. |
Q. GSTN में किसकी कितनी हिस्सेदारी होगी? |
A. GSTN में केंद्र सरकार की 24.5%, राज्य सरकारों और राज्य के वित्त मंत्रियों की विशेषाधिकार प्राप्त कमेटी की 24.5% फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा, HDFC, HDFC बैंक, ICICI बैंक के पास 10-10 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा, एनएसई स्ट्रैटेजिक इनवेस्टमेंट कंपनी के पास 10% और LIC फाउसिंग फाइनेंस के पास भी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क 11 फीसदी हिस्सा है. |
Q. GST लागू होने के बाद कौन से टैक्स होंगे खत्म? |
A. गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (केंद्रीय उत्पाद शुल्क), सर्विस टैक्स (सेवा कर), एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी), वैल्यू एडेड टैक्स/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे. गुड्स एंड सर्विस टैक्स इन सभी टैक्सों की जगह ले लेगा. |
Q. GST के बाद कितने तरह के टैक्स वसूले जाएंगे? |
A. GST लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाएंगे. पहला सीजीएसटी, यानी सेंट्रल जीएसटी, जो केंद्र सरकार वसूलेगी. दूसरा एसजीएसटी, यानी स्टेट जीएसटी, जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी. तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी, यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा. |